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ਬਿਜਲੀ ਦੀ 600 ਯੂਨਿਟ ਮਾਫ਼ ਹੋਣ ਦੇ ਬਾਵਜ਼ੂਦ ਵੀ ਬਿਜਲੀ ਚੋਰੀ ਹੋ ਰਹੀ ਹੈ।

ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲੀ ਚੋਰੀ ਕਰਨ ਦਾ ਤਰੀਕਾ ਬਹੁਤ ਆਸਾਨ ਹੈ। ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲੀ ਦੀ 600 ਯੂਨਿਟਾਂ ਮਾਫ਼ ਹੋਣ ਦੇ ਬਾਅਦ ਵੀ ਬਿਜਲੀ ਚੋਰੀ ਹੋ ਰਹੀ ਹੈ, ਇਹ ਚੋਰੀ ਲੋਕ ਆਪ ਕਰ ਰਹੇ ਨੇ ਜਾਂ ਇਸ ਬਿਜਲੀ ਨੂੰ ਬਿਜਲੀ ਮੁਲਾਜ਼ਮ ਆਪ ਹੀ ਕਰਵਾ ਰਹੇ ਹਨ। ਬਿਜਲੀ ਦਫ਼ਤਰ ਦੇ ਦਰਵਾਜ਼ੇ ਉੱਪਰ ਬੋਰਡ ਲੱਗਿਆ ਹੋਇਆ ਹੈ ਜੈ ਕੋਈ ਬਿਜਲੀ ਚੋਰੀ ਦੀ ਸ਼ਿਕਾਇਤ ਦੇਵੇਂਗਾ ਤਾਂ ਉਸ ਵਿਅਕਤੀ ਦਾ ਨਾਮ ਗੁਪਤ ਰੱਖਿਆ ਜਾਵੇਗਾ, ਤੇ ਪੂਰੀ ਕਾਰਵਾਈ ਕੀਤੀ ਜਾਵੇਗੀ। ਬਿਜਲੀ ਚੋਰੀ ਦੀ ਕਾਰਵਾਈ ਕਿ ਸੱਚ ਵਿੱਚ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ  ਜਦੋਂ ਕੋਈ ਵਿਅਕਤੀ ਬਿਜਲੀ ਚੋਰੀ ਦੀ ਸੋਚਣਾ ਦੇਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹ ਬਿਜਲੀ ਬੋਰਡ ਦੇ ਮੁਲਾਜ਼ਮਾਂ ਲਈ ਬਹੁਤ ਖੁਸ਼ਖਬਰੀ ਹੋਂਦੀ ਹੈ ਕਿ ਮੁਰਗਾ ਸਾਡੇ ਕੋਲ ਹੁਣ ਫਸਣ ਵਾਲਾ ਹੈ ਹੁਣ ਪੈਸੇ ਬਣਨਗੇ, ਇਹ ਮੁਲਾਜ਼ਮ ਦਿੱਤੀ ਹੋਈ ਸ਼ਿਕਾਇਤ ਵਾਲੀ ਥਾਂ ਜਾਂਦੇ ਨੇ ਤੇ ਆਪਣੇ ਵਲੋਂ ਕਰਵਾਈ ਕਰਦੇ ਨੇ ਜੈ ਬਿਜਲੀ ਚੋਰ ਫੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹ ਉਸਤੋ ਬਹੁਤ ਮੋਟੀ ਰਕਮ ਵਸੂਲ ਕਰਦੇ ਨੇ ਉਸਨੂੰ ਡਰਾਉਂਦੇ ਨੇ ਤੇਰੇ ਹੁਣ ਲੱਖਾ ਰੁਪਏ ਦਾ ਜੁਰਮਾਨਾ ਪਵੇਗਾ ਤੇਰਾ ਮਟਰ ਕੁਨੈਕਸ਼ਨ ਕੱਟ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇਗਾ ਨਹੀਂ ਤਾਂ ਤੂੰ ਜੁਰਮਾਨਾ ਭਰ, ਜੈ ਬਿਜਲੀ ਚੋਰੀ ਕਰਨ ਵਾਲਾ ਡਰ ਗਿਆ ਤਾਂ ਓਹੋ ਮੋਟੀ ਰਕਮ ਦੇ ਦੇਂਦਾ ਹੈ ਤੇ ਬੋਲਦਾ ਹੈ ਤੁਸੀਂ ਜੁਰਮਾਨਾ ਨਾ ਪਾਓ ਅਸੀਂ ਅਗੋ ਤੋਂ ਚੋਰੀ ਨਹੀਂ ਕਰਾਂਗੇ, ਬਿਜਲੀ ਮੁਲਾਜ਼ਮਾਂ ਨੂੰ ਵੀ ਪਤਾ ਹੈ ਜੈ ਅਸੀਂ ਜੁਰਮਾਨਾ ਪਾ ਤਾ ਤੇ ਸਾਰਾ ਪੈਸਾ...

एक ऐसी औरत जिसने अपनी इज्ज़त और इंसाफ के लिए खुद को ही जला लिया।

एक ऐसी औरत जिसने अपनी इज्ज़त और इंसाफ के लिए खुद को ही जला लिया।


यह बात है बिहार के एक गांव की जहां पर एक विधवा औरत अपने दो बच्चों के संग ससुराल में रहती थी अच्छे से अपने दोनों बच्चों का और अपने ससुराल में सभी परिवार वालों का ध्यान रख रही होती है और उम्र भी कोई ज्यादा नहीं 25 से 30 साल की थी, एक विधवा औरत की जिंदगी क्या होती है यह तो सिर्फ एक औरत ही जान सकती है। 

एक दिन घर का राशन का समान लेने के लिए बाज़ार जाती है  जो की बाज़ार घर से 15 से 20 किलोमीटर है बस में बैठती है और बाज़ार से सब समान ले लेती है जिसमें 2 से 3  घंटे गुजर जाते है आते आते शाम होने वाली होती है, बस में कुछ ही लोग रह जाते है जिसमें एक तो ये औरत एक ड्राइवर दो लड़के और होते है जो की तीनो दोस्त होते है जब बस गांव के जंगल सुनसान रास्ते से गुजर रही होती है तो इन तीनों की नियत बदल रही होती ये तीनों एक दूसरे को इशारा करते है और बस को एक सुनसान से जंगल में रोक लेते है औरत की खूबसूरती को देखकर ये पागल हो जाते है और जबरदस्ती करनी सुरु कर देते है उसके लाख मना करने के बाद भी ये तीनों नहीं मानते और एक एक करकर उसके साथ ब्लत्कार करते रहते है और इसकी वीडियो भी बना लेते है जब इनका मन भर जाता है तब जाकर ये लोग छोड़ते है और फिर इसको बोलते है अगर इसने किसी को भी बताया तो तेरी ये वीडियो हम सब को दिखा देंगे और जब भी हम तुझे बुलाएंगे तुझे हमारे पास आना होगा जाते जाते इसका नंबर ले लेते है।

अब यह औरत पूरी तरह से डर जाती है और घर पर किसी को कुछ भी नहीं बताती और जब भी इन तीनों लोगों का दिल करता तो ये फोन करके बुलाते और फिर इसके साथ बलात्कार करते हैं जब इनका मन भर जाता तो यह इसको घर भेज देते कई महीने ऐसे ही गुजर गए।

एक दिन इन तीनों को पता चलता है कि इसकी एक ननंद भी है जिसकी अभी शादी नहीं हुई है तो यह लोग इस औरत को बोलते हैं कि तू अब अपनी ननंद को हमारे पास भेज नहीं तो तेरी यह वीडियो हम लोगों को दिखा देंगे इस तरह इसको ब्लैकमेल करते है इस बात से ये अब और भी घबरा जाती है और बहुत रोती है मन में सोचती है मेरी जिंदगी तो बर्बाद हो गई है इसकी भी न हो जाए, करे तो करे अब किया करे बदनामी का भी डर था अब मजबूर होकर ये अपनी ननंद को सब बात बताती है की मेरे साथ ऐसा ऐसा हुआ है अब ये लोग तुझे बुला रहे है अब में किया करू अब मेरी इज्ज़त तेरे हाथों में है ननंद घर की इज्ज़त बचाने के लिए चली जाती है ये तीनों अब ननंद के साथ भी ब्लत्कार करते है एक दो बार ऐसा देखकर इस औरत से अब रहा नही जाता अपनी ननंद को बोलती है मैने तेरी भी जिंदगी बर्बाद कर दी अब में चुप नहीं बैठूंगी अब में ये सब बातों को पुलिस को बताओंगी और इनको सजा दिलाओंगी 

ये अकेले पुलिस थाने जाती है ये सब बातों को पुलिस को बताती है तीनों लड़को का नाम भी बताती ये तीनों मेरे साथ 4 महीने से ब्लत्कार कर रहे है, पर ये अपनी ननंद के बारे में कुछ नही बताती ताकि उसकी बदनामी न हो, जब पुलिस वाले उस नाम को सुनते है ये देखते है की उसमे एक लड़का तो किसी विधायक का है पुलिस वाले इसकी रिपोर्ट को नहीं लिखते है और इसको बोलते है तू जो कुछ भी बोल रही है झूठ बोल रही तेरा पत्ती नही है तू ये सब पैसों के लिए बोल रही है इसको गाली देकर धमका कर घर बेज देते है झूठी रिपोर्ट लिखवाने आई है, ये मजबूर बेब्स हो जाती है इसकी बात को कोई नही मानता अब किया करे, अब मजबूर होकर अपने आपको बंद कमरे में आग लगा लेती है जब आस पास के लोग देखते है घर में ये आग केसे जल रही है जबतक घर और गांव के लोग इक्ठा होते कमरे का दरवाजा खोलते है पूरी तरह से जल चुकी होती है हॉस्पिटल ले जाते है डॉक्टर बोलते है पूरा शरीर 80% तक जल चुका है अब ये बात पुरे गांव और पुलिस को पता चल चुकी होती है पुलिस आती कुछ घंटों का इंतजार करती अब होस आते ही पुलिस पूछती है ये सब कैसे हुआ ये फिर उन तीनों लड़को के बारे में बताती है और अपना दम तोड़ देती है कोई करवाई नही होती पुलिस को पता था जो खुद गवाह थी वो तो मर चुकी है अब करवाई कोन करवाएगा पुलिस वाले उन तीनों लड़को से अच्छे पैसों का सौदा कर लेते है, फिर इस बात को कुछ महीने निकल जाते है।

फिर एक दिन उस औरत की ननंद गांव से बाहर कुछ काम के लिए बाहर निकलती है सुनसान रास्ता देखकर वही तीनों लड़के फिर से उसकी ननंद को उठा कर जंगल की झाड़ियां में ले जाते है उसके साथ गैंग रेप करते हैं इसकी भी वीडियो बना लेते है और बोलते है अगर किसी को बताने की कोशिश की तो अच्छा नहीं होगा ये बोल कर चले जाते है अब ये सोचती है मेरी भाभी ने भी अपनी इज्ज़त को बर्बाद कर ली और इंसाफ के मौत की कुर्बानी भी दे दी पर हुआ कुछ नही अब में इन अपराधियों को सजा दिला कर ही रहोंगी।

अब अगले दिन पुलिस थाने जाती है और पुलिस वालों को अपने साथ और भाभी के साथ गैंग रेप के बारे में बताती है और बोलती है आप इन लोगों पर कार्रवाई कीजिए पुलिस वाले इसकी बातों को नहीं मानते इसको हरासमेंट करना शुरू कर देते हैं बोलते हैं जो तेरे साथ गैंगरेप हुआ है वह कैसे हुआ  उसको एक रूम के अंदर ले जाते हैं और उसके कपड़े निकलवा कर उससे पूछते हैं उन लोगों ने तेरे साथ कैसे गैंगरेप किया तुझे कहां कहां हाथ लगाया और इस तरह उसको हरासमेंट करके बदतमीजी करते थे ताकि वह अपनी रिपोर्ट लिखवाना छोड़ दे और कार्रवाई न हो सके इस तरह एक से दो महीने निकल गए अब ननंद चक्कर लगा लगाकर थक चुकी थी अभी सोचती थी अब मैं क्या करूं मुझे तो इंसाफ नहीं मिलेगा और ना ही मेरी भाभी को इंसाफ मिला और यह तीन जो अपराधी है इनको सजा कैसे मिलेगी अब यह हर तरफ से हार चुकी थी।

अब एक दिन इस नंदन ने सुबह-सुबह चार मीडिया के रिपोर्टरों को फोन करके अपने घर बुलाया और इनको बोला बहुत जरूरी बात मुझे बतानी है और मेरी जिंदगी और मौत का सवाल है आप लोग मेरे पास आई है मुझे एक बहुत जरूरी बात बतानी है
अब मीडिया के रिपोर्टर भी इस सोच में पड़ गए कि इसगांव में जाए या नाजाए फिर शाम को मीडिया के रिपोर्टर घर पहुंचते है यह अपनी भाभी और अपने साथ हुए गैंग रेप के बारे में मीडिया रिपोर्टर को सब बातों को अच्छे तरीके से बताती है और और उन तीनों अपराधियों के नाम भी बताती है बोलती है कि अब आप लोग मेरा सहारा हो मुझे इंसाफ चाहिए मेरी मदद कीजिए यह सब बातें मीडिया वाले अच्छे से वीडियो रिकॉर्ड कर लेते हैं और वहां चले जाते हैं।

अब अगले दिन घर वाले देखते हैं कि उनकी बिटिया कहीं नजर नहीं आ रही है तो इधर-उधर वह ढूंढने लग जाते हैं जब रूम जाकर चेक करते हैं तो देखते हैं यह लड़की फांसी के फंदे पर लटकी हुई है पूरे गांव में यह खबर पहुंच जाती है और पुलिस वालों को भी पता चल जाता है और वह मीडिया वालों को भी पता चल जाता है अब पुलिस वालों को करवाई तो करनी ही थी अब इनको मजबूर होकर कार्रवाई करनी पड़ी मीडियावालों ने बहुत साथ दिया, कोर्ट में सच्चाई साबित होने के बाद उन तीनों लड़कों फांसी की सजा सुनाई गई जो इंसाफ जिंदा रहते हुए ना मिला मरने के बाद मिला, पुलिस वाले वक्त रहते ही कार्रवाई कर देते तो शायद इस औरत और इस लड़की की जान ना जाती, अगर देश में ऐसे ही पुलिस वाले होंगे तो कभी भी इंसाफ नहीं मिलेगा यह हर गांव की कहानी है।

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